आने से मां के आए बहार जाने से मां के जाए बहार शेर की सवारी है मेरी शेरावाली मां बड़ी मस्तानी है मेरी शेरावाली मां....
ऊंचे ऊंचे पर्वतों पे रहती हैं मां भक्तों के दुखड़े हरती हैं मां , पूंछो तो कौन है वो पर्वतों की रानी है मेरी शेरावाली मां....
ठंडी ठंडी गुफाओं में रहती है भक्तों की झोली भरती है , पूंछो तो कौन है वो मेरी वैष्णों रानी है मेरी शेरावाली मां....
चंड मुंड मारे तूने रक्तबीज संहारे , पूंछो तो कौन है वो मेरी कालका माई है मेरी शेरावाली मां....
ऊंचे ऊंचे झरनों में बैठी है भक्तों की भीड़ बड़ी रहती है , पूछों तो कौन है वो मेरी झंडे वाली है मेरी शेरावाली मां.....
अकबर ने अजमाया ध्यानू ने शीर्ष चढ़ाया , पूंछो तो कौन है वो मेरी ज्वाला माई है मेरी शेरावाली मां......
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