छोड़ो कान्हा माखन चुराना मेरे लाल किसी के घर ना जाना ......
ना दूध की कमी है ना दहिया की कमी है तो माखन चुराने की तुम्हें क्या पड़ी है , तुझे समझाया फिर भी न माना मेरे लाल किसी के घर ना जाना छोड़ो कान्हा माखन चुराना......
ना ग्वालों की कमी है ना गोपियों की कमी है तो राधा संग जाने की तुम्हें क्या पड़ी है , तुझे समझाया फिर भी ना माना मेरे लाल किसी के घर ना जाना छोड़ो कान्हा माखन चुराना...
ना खेल की कमी है ना खिलौनो की कमी है तो यमुना पे जाने की तुम्हें क्या पड़ी है , तुझे समझाया फिर भी न माना मेरे लाल किसी के घर ना जाना छोड़ो कान्हा माखन चुराना मेरे लाल किसी के घर ना जाना....
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