सताओ ना हमें लोगो हमें दिल की बीमारी है हमारा वैद्य दुनियां में वो बाँके बिहारी है.....
उसी ने दर्द दे कर मेरा ये हाल कर डाला, लगाया रोग अब ऐसा मुझे बेहाल कर डाला, दवा देगा वही आके उसी की इंतज़ारी है सताओ न हमें लोगों हमें दिल की बीमारी है....
मेरे अपनों में है मोहन मेरे सपनों में हैं मोहन, जिधर भी देखती हूँ मैं नजर आते हैं मनमोहन ,उसी के नाम की देखो चढ़ी मुझको खुमारी है सताओ न हमें लोगो हमें दिल की बीमारी है...
यहीं गम है की अब तक देखने वो क्यों नहीं आया, हुयी क्या भूल हमसे श्याम ने जो मुझको बिसराया, नहीं मारा नहीं छोड़ा गजब का वो शिकारी है सताओ ना हमे लोगों हमें दिल की बीमारी है....
दिखा जलवा लगाकर रोग जाने कहाँ गया दिलबर , ना दिल की दिल में रह जाये ज़रा तो देख लो आकर , नब्ज एक बार तो देखो यही विनती हमारी है सताओ ना हमें लोगो हमें दिल की बीमारी है....
No comments:
Post a Comment