दुनिया रूठे तो रूठ जाए मेरा मुरली वाला ना रूठे...
यह दुनिया एक पहेली है जो समझ गया वह संभल गया घर बेशक चाहें छूट जाए मेरा मुरली वाला ना रूठे...
नर देह भजन के लिए मिली जीवन बगिया की कली खिली मेरा कुटुंब कबीला रूठ जाए मेरा मुरली वाला ना रूठे....
हीरा तन है अनमोल रत्न हर स्वांस में हो हरि तेरा भजन वो पाप की गठरी छूट जाए पर मुरली वाला ना रूठे...
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