जो बिगड़े सो तेरा राम मेरा क्या बिगड़े
एक बुढिया के दो दो बेटा दोनों न्यारे न्यारे राम मेरा क्या बिगड़े
बड़े बेटा ने कोठी बनवाई दूसरे ने बंगला ने बनवाया राम मेरा क्या बिगड़े
आंगन में बेटा बोलन लागे बुढ़िया की है झोपड़िया राम मेरा क्या बिगड़े
बड़े बेटा ने खाना बनाया छोटे ने खाना न बनाया राम मेरा क्या बिगड़े
बहू बेटा तो खा के सो गए छोटे ने पूंछी न बात राम मेरा क्या बिगड़े
बड़े जोर से आंधी आई उड़ गई झोपड़िया मेरी राम मेरा क्या बिगड़े
बहू बेटा आपस में बतलावें बुढ़िया की झोपड़िया राम मेरा क्या बिगड़े
बुढ़िया की तो आई है पालकी कृष्ण बैठ के आये राम मेरा क्या बिगड़े
बहू बेटा आपस में बतलावें बुढ़िया कर गई चाल राम मेरा क्या बिगड़े
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