कैसा सुंदर हिरन वनों में चरने आया है
सुंदर मृग है कमल से प्यारा मोटे मोटे नैना मृग मतवाला पकड़ो दीनानाथ मृग मेरे मन को भाया है
सिया की बात राम ने मानी झटपट उठे हैं अंतर्यामी लियो धनुष और बाण मृगा को मारन आया है
राम ने जब मृगा को मारा हाय सिया और लखन पुकारा सुन मृगा के बोल सिया का मन घबड़ाया है
उठो लखन भैया जल्दी जाओ अपने भाई के प्राण बचाओ आज तुम्हारे भाई पे कोई संकट आया है
तुम भाभी मां बहुत हो भोली भैया की क्यों चिंता करतीं त्रिलोकी के नाथ हैं उनकी अद्भुत माया है
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