ईश्वर को प्रेम प्यारा माया न प्यारी है प्रभू को प्रेम प्यारा माया न प्यारी है
कोई सारी सम्पत्ति लाये बिन प्रेम हरि न भाये , जो प्रेम से पुष्प चढ़ाए वो सम्पत्ति प्यारी है प्रभू को प्रेम प्यारा माया न प्यारी है
दुर्योधन मेवा लाया पर हरि के मन न भाया , प्रभू साग विदुर घर खाये वो भक्ति न्यारी है ईश्वर को प्रेम प्यारा माया न प्यारी है मैं
अवला तेरी दासी तेरे चरणों की अभिलाषी , भवसागर पार लगा दो समुंदर भारी है ईश्वर को प्रेम प्यारा माया न प्यारी है
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