सावन गीत : श्याम साँवरिया जाने कित रम गयो जी || कजरी गीत

श्याम सांवरिया जाने कित रम गयो जी एजी मेरे दिल में हमबे मेरे दिल में विरह की पीर श्याम..
मोहे प्रेम का रोग लगाय गयो ,मिलबे को मौसम आय गयो
गगन बदरिया काले पीले उठ रहे जी ,ऐजी कोई ठंडी-ठंडी हमबे कोई ठंडी-ठंडी पड़त फुहार श्याम..
चारो ओर भयी है हरियाली , चिड़िया चहके डाली डाली
अब न जुदाई सही जाय मेरे सांवरे जी, ऐजी मेरे जियरा में हमबे मेरे जियरा में उठत हिलोर श्याम..
तेरी राह तकत थक गये नैना ,बिन मोहन सब सूनो गहना
निंदिया न आवे सहेली मोहे रात में जी, ऐजी मेरो छिन गयो हमबे मेरो छिन गयो चैन करार श्याम..


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