मदर्सडे स्पेशल भजन🚩धीरे धीरे अखियां मां खोल रही हैं लगता मैया कुछ बोल रहीं आनंद छाया🤩

 

धीरे धीरे अखियाँ माँ खोल रही हैं लगता है मैया कुछ बोल रही हैं.....

दुनिया के नजारे तो बेजान लगते ,सूरज चन्दा कौड़ी के समान लगते, आत्मा में अमृत घोल रही हैं लगता है मैया कुछ बोल रही हैं....

आएगी जरूर मैया आज सामने, अपने भगतों का देखो हाथ थामने ,मिलने का मौका ये टटोल रही हैं लगता है मैया कुछ बोल रही हैं......

लागे ना नजर मुझे हो रही फिकर ,हीरे और मोती से उतार दूँ नजर ,क्या करूँ मेरा ऐसा जोर नहीं है लगता है मैया कुछ बोल रही हैं.....

बनवारी ऐसी तकदीर चाहिए ,आत्मा में माँ की तस्वीर चाहिए ,ऐसा ये असर दिल पे छोड़ रही हैं लगता है मैया कुछ बोल रही हैं.....  

 


 

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