हनुमान के चेहरे से एक नूर टपकता है मुखड़े पे सदा इसके एक तेज चमकता है.......
श्री राम की सेवा का परिणाम है बजरंगी अनहोनी कर देता वो नाम है बजरंगी , दुष्टों की खातिर ये शोले सा दहकता है मुखड़े पे सदा इसके एक तेज चमकता है.....
श्री राम से भक्ति मिली सीता से शक्ति मिली भक्तों की श्रेणी में इसे पहली पंक्ति मिली , भक्ति रस से इसका हर रोम छलकता है मुखड़े पे सदा इसके एक तेज चमकता है......
जिसपे खुश हो जाता श्री राम से मिलवाता उसकी रक्षा खातिर ये काल से भिड़ जाता , हर पल का रखवाला ये कभी ना थकता है मुखड़े पे सदा इसके एक तेज चमकता है.....
इस भक्त शिरोमणि को मैं शीश नवाता हूँ दिल की एक छोटी सी फरियाद सुनाता हूँ श्री राम के दर्श करा ये भक्त तरसता है मुखड़े पे सदा इसके एक तेज चमकता है.....
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