गोकुल से द्वारिका आए गया मेरा श्याम पता नहीं किधर गया....
बागों में ढूंढा मिला नहीं मालिन से पूछा पता नहीं पत्तों में छुपकर बैठ गया मेरा श्याम पता नहीं किधर गया....
तालों में ढूंढा मिला नहीं धोबिन से पूछा पता नहीं साड़ी में छुपकर बैठ गया मेरा श्याम न जाने किधर गया....
कुयनां में ढूंढा मिला नहीं पनिहारिन से पूछा पता नहीं मटके में छुपकर बैठ गया मेरा श्याम न जाने किधर गया...
महलों में ढूंढा मिला नहीं रानी से पूछा पता नहीं खिड़की में छुपकर बैठ गया मेरा श्याम न जाने किधर गया...
मंदिर में ढूंढा मिला नहीं पंडित से पूछा पता नहीं मूरत में छुपकर बैठ गया मेरा श्याम पता नहीं किधर गया.....
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