सीता मैया ने बनाए पकवान पवनसुत हरे हरे पवनसुत न्योत दिए...
ब्रह्मा न्योते विष्णु न्योते न्योते सब परिवार वानर सेना सबरी न्योती न्योते हैं पवन कुमार पवनसुत न्योत दिए...
आतर डारी पातर डारी डारे दोना चार वानर सेना सबरी बैठी बैठ गए पवन कुमार पवनसुत न्योत दिए...
पूड़ी परोसी कचौरी परोसी परोसे लड्डू चार सब्जी रायता सब ही परसो रबड़ी लच्छेदार पवनसुत न्योत दिए...
पूड़ी खाईं कचौड़ी खाईं खाईं रबड़ी लच्छेदार सब्जी रायता सबरो खायो खाली करे हैं भंडार पवनसुत न्योत दिए...
हाथ जोड़ के सीता मैया गईं राम के पास समझाय लो अपने लाला ए खाली कर दिए भंडार पवनसुत न्योत दिए..
हंस मुस्काए राम जी बोले सुनो सिया मेरी बात तुलसीदल को भोग लगाओ फिर से भरेंगे भंडार पवनसुत न्योत दिए..
हाथ जोड़कर सीता मैया गईं तुलसी के पास तुलसी दल को भोग लगाओ हनुमत ने ली है डकार पवनसुत न्योत दिए
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