सिंह चढ़ के भवानी घर आईं कि आज मेरे दिन बदले शेरावालिए...
मैं तो घर-घर बांटूं बधाई दीवाना मेरा मन उछले शेरावालिए...
तेरा रूप बड़ा मां निराला ना मुख से नजर फिसले शेरावालिए...
मेरे घर में हुआ मां उजाला अंधेरे दिन दूर निकले शेरावालिए....
तेरे हलवे का भोग लगाया कि रुचि रुचि आज चखले शेरावालिए....
तेरे भक्त कहें मेरी मैया तू चरणों में आज रख ले शेरावालिये.....
No comments:
Post a Comment