रात भर रुकना मैया सुबह चली जाना अभी हमने जी भर के देखा नहीं है....
दौड़ी-दौड़ी गई मैं मलिया दुकनिया अभी हमने माला पहनाई नहीं है....
दौड़ी-दौड़ी गई मैं सुनरा दुकनिया अभी हमने पायल पहनाई नहीं है....
दौड़ी-दौड़ी गई मैं मनिहारी दुकनिया अभी हमने चूड़ी पहनाई नहीं है...
दौड़ी-दौड़ी गई मैं बंजारिन दुकनिया अभी हमने बिंदिया लगाई नहीं है....
दौड़ी-दौड़ी गई मैं हलवाई दुकनिया अभी हमने भोग लगाया नहीं है...
दौड़ी-दौड़ी गई मैं दिल्ली बजरिया अभी हमने चुनरी उड़ाई नहीं है..
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