मेरे गुरु जी ने बाँधी लाल पगड़ी थोड़ी केसरिया थोड़ी लाल पगड़ी , लाल पगड़ी कमाल पगड़ी मेरे गुरु जी....
पचरंगी बाबा की पगड़ी रंगाई , सूरज की किरणें इसमें समाईं तेरे भक्तो में फेके है जाल पगड़ी थोड़ी केसरिया थोड़ी लाल पगड़ी मेरे गुरु जी.....
मोर पंख तेरी पगड़ी में सोहे , जिसपे तिलंगी मन सबका मोहे, कही कर देना जादू संभाल पगड़ी थोड़ी केसरिया थोड़ी लाल पगड़ी मेरे गुरु जी...
पगड़ी से पल भर भी आंखे हटे न , अर्श किसी की वैरी नजर लगे न आज हमको भी करदे निहाल पगड़ी थोड़ी केसरिया थोड़ी सी लाल पगड़ी मेरे गुरु जी...
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