ओ पापी मन करले भजन बाद में प्यारे पछताएगा जब
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
क्यों करता है मेरा मेरा कुछ ना तेरा कुछ ना मेरा , खाली हाथ आया था तू खाली हाथ जाएगा , जैसा कर्म किया था वैसा फल पाएगा बाद में प्यारे पछतायेगा जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
आई जवानी जी भर के सोया पूरी जवानी जी भर के सोया , आया बुढ़ापा देख कर रोया, प्रभु की नजर से तू बच नहीं पाएगा बाद में प्यारे पछतायेगा जब पिंजरे से पंछी निकल जाएगा
पाया मानुष तन फिर क्यों रोया मोह माया के बस में रोया , सुंदर जीवन काया है तो हरि गुण गाए जा , अपने मन को तू प्रभू में लगाए जा बाद में प्यारे पछतायेगा जब पिंजरे से पंछी निकल जायेगा
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