तुलसा कर आई चारों धाम, जाने कहां लेगी विश्राम।
पहला विश्राम वाने हरिद्वार में पायो, वहां कृष्ण करें स्नान, तुलसा ना लेगी विश्राम।
दूजो विश्राम वाने गोवर्धन में पायो, वहां पर कृष्ण गिरवर उठाएं, तुलसा ना लेगी विश्राम।
तीजो विश्राम वाने बंसीवट पर पायो, वहां कृष्ण बंसी बजाए, तुलसा ना लेगी विश्राम।
चौथा विश्राम वाने मधुबन में पायो, वहां कृष्ण रास रचाए, तुलसा ना लेगी विश्राम।
पूरा विश्राम वाने वृंदावन में लीनो, वहां मिल गए शालिग्राम, तुलसा वहां लेगी विश्राम।
No comments:
Post a Comment