तेरे द्वारे पे आना मेरा काम है मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है.....
मैंने मन को तो मंदिर बना ही लिया, उसपे आसन लगाना तेरा काम है तेरे द्वारे पे आना मेरा काम है मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है.....
अपने नैनों का दीपक बना ही लिया , उसमें ज्योति जलाना तेरा काम है तेरे दर पर आना मेरा काम है मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है.....
तेरे दर पे तो सिर को झुका ही दिया , फिर से सिर को उठाना तेरा काय है तेरे द्वारे पे आना मेरा काम है मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है...
खाली झोली तो दर पे फैला ही दिया, खाली झोली को भरना तेरा काम है तेरे द्वारे पे आना मेरा काम है मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है..
No comments:
Post a Comment