तू भीख ना देगी तो मैं शोर मचा दूंगी हर मांगने वाले को तेरा पता बता दूंगी
तेरे दर पे जिसने भी झोली फैलाई है तुमने मैया उसकी तकदीर बनाई है तेरे नाम की जिसने भी मां ज्योत जगाई है हर
विपदा में तू मां बनी सहाई है तेरी रहमत के किस्से सारे जग को सुना दूंगी तू भीख ना देगी तो में शोर मचा दूंगी
तेर द्वारे पे अब तक मां ना हुई सुनवाई है तेरे कानों तक अम्बे पहुचीं ना दुहाई है अब तेरे बच्चों ने तेरी आस लगायी है
मैं केसे कहूं सबको पत्थर की माई है मैं अपनी भक्ति से पत्थर को पिघला दूंगी तू भीख न देगी तो मैं शोर मचा दूंगी
तू अपरमपार है मां तेरा पार ना पाया है कण कण में हे दाती तेरा नूर समाया है , भक्तों की समझ में मां अब ये आया है ये
दुख सुख सब मैया तेरी माया है तुम सबकी सुनती है सबको समझा दूंगी तू भीख ना देगी तो मैं शोर मचा दूंगी हर मांगने वाले को तेरा पता बता दूंगी
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