शेरावाली कृपा कीजिए आंचल में छुपा लीजिए शेरावाली कृपा कीजिए
पलकों के सिंहासन पे मैंने तुझको बिठाया है इस मन के अन्दर में तेरा द्वार सजाया है आके इसमें रहा कीजिए
पहले भी व्यर्थ हुआ कई बार मेरा जीवन मैं तोड़ नहीं पाया इस माया के बन्धन अबकी बारी कृपा कीजिए
कोई पाप कर्म मैया मेरे सामने आये न जब जब तेरा भजन करूं तू सामने आये मां सच्ची भक्ति का वर दीजिए
मैं तो एक पागल हूं जगता हूं रातों में तुम दिल पे मत लेना मेरी इन बातों को जो भी मन मे हो वो कीजिए
मैं तेरा बेटा हूं तुम मुझको संभालो मां माया के बंधन से तुम मुझको निकालो मां इतना तो कर्म कीजिए
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