मेरी नाव में चढ़ मत जाना जादूगर दोनो भैया
तुम कहां के रहने वाले और किसके राजदुलारे तुम्हें किसने घर से निकाला जादूगर दोनो भैया मेरी नाव में चढ़ मत जाना जादूगर दोनो भैया
हम अवध के रहने वाले दशरथ के राज दुलारे कैकेई ने घर से निकाला जादूगर दोनो भैया मेरी नाव में चढ़ मत जाना जादूगर दोनो भैया
जब अवधपुरी से जा रहे सब रो रो रुदन मचा रहे कैकेई ने खुशी मनाई जादूगर दोनो भैया मेरी नाव में चढ़ मत जाना जादूगर दोनो भैया
एक पत्थर शिला पड़ी थी वापे भारी धूल जमी थी ठोकर से बना दी नारी जादूगर दोनो भैया मेरी नाव में चढ़ मत जाना जादूगर दोनों भैया
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