मेरी बन्नी के गोरे गोरे हाथ कि मेहंदी रचने लगी आई खुशियों की शुभ घड़ी आज कि मेहंदी रचने लगी
बन्नी के मांगो का टीका बड़ा सोणा , माथे की बिंदिया में लगा है नगीना दादी मगन हैं आज कि मेहंदी
बन्नी के गले में हरवा बड़ा सोणा कानों के झुमका में चमके है मीना मम्मी मग्न हैं आज कि मेहंदी रचने लगी
बन्नी के हाथों में कंगना बड़े सोणें , कमर के गुच्छे में चमके नगीना बुआ मगन हैं आज कि मेहंदी रचने लगी
बन्नी के पैरों में पायल बड़ी सोणीं , पांव के बिछुआ में चमके है मोती मौसी मग्न हैं आज कि मेहंदी रचने लगी
बन्नी के लंहगा में गोटा किनारी , चूनर की शोभा लगे अति प्यारी मामी मग्न हैं आज कि मेहंदी रचने लगी
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