हरि नाम न हृदय से भूलो ये भुलाने के काबिल नही है
बड़ी मुश्किल से नर तन मिला है ये गंवाने के काबिल नही है
चोला अनमोल तुझको मिला है जिसमें जीवन का फूल खिला है , स्वांसे गिन गिन के तुझको मिली हैं ये लुटाने के काबिल नही है
सारे साधन हैं किस्मत बना ले भक्ति रंग में तू जीवन रंगा ले , झूठे ऐसे न कर तू बहाने ये बनाने के काबिल नहीं है
जिसने हीरा जन्म ऐसा पाकर प्रभू को न जाना ध्यान लगाकर , जिसे आत्म का ज्ञान नहीं है मुक्ति पाने के काबिल नहीं है
सत्संग गंगा में मन को रमा ले सच्ची राह में जीवन लगा ले , सत्य धर्म ही तो है तेरी पूंजी ये गंवाने के काबिल नहीं है
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