ये धोखे श्याम के धोखे मैंने बृज में सहे रो रो के कि श्याम मुझे याद न करे कि श्याम मुझे प्यार न करे
जब श्याम द्वारिका पधारे , राह तक तक नैन मेरे हारे कि श्याम मुझे याद न करे कि श्याम मुझे प्यार न करे
ये कोयल कू कू बोले , तन्हाई में मिश्री घोले कि श्याम मुझे याद न करे कि श्याम मुझे प्यार न करे
मेरे असुवन बहत पनारे , दाग तन पे पड़ गये काले कि श्याम मुझे याद न करे कि श्याम मुझे प्यार न करे
मधुवन में हुईं मुलाकातें , रोज प्रेम की हुईं बरसातें कि श्याम मुझे याद न करे कि श्याम मुझे प्यार न करे
किस कारण कान्हा रूठे , सारे वादे पड़ गये झूठे कि श्याम मुझे याद न करे कि श्याम मुझे प्यार न करे
सपनों के महल सब टूटे , मुझे रोता विलखता छोड़े कि श्याम मुझे याद न करे कि श्याम मुझे प्यार न करे
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