भोले मेरी नैया को भव पार लगा देना अब तक तो निभाया है आगे भी निभा देना
भोले तेरे माथे पे चन्दा का उजाला है चन्दा के उजाले को इस जग में फैला देना
भोले की जटाओं में गंगा की धारा है गंगा की धारा से इस जग को नहला देना
भोले की गले में सर्पों की माला है इन सर्पों को बाबा नागलोक पंहुचा देना
भोले के हाथों में प्यारा सा डमरू है अपनी डमरू की धुन पे सारे जग को नचा देना
भोले तेरे संग में गौरा और गणपति हैं देके दर्शन बाबा भव पार लगा देना
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