हरि भजन : जब से मुझे तेरा दरबार मिला (सभी चिंताओं को दूर करने वाला श्री हरि जी का भजन सुनिए)

 

 

जबसे मुझे ये तेरा दरबार मिला है प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है 

नजरो को जबसे तेरा दीदार मिला है प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है 

इतना सा साथ ज़िंदगी  का फ़साना , ना कोई मंजिल थी न था ठिकाना , दर आया जबसे लगता है तब से , बेघर को घरवार मिला है प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है 

तुम बिन थी ये जिंदगी खाली खाली , बे नूर थी मेरी होली दिवाली , तुमको पाया तो जीना आया , बेचैन दिल को करार मिला है प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है 

दुनिया के रिश्तो में खुशियों को खोजा , फिर भी न हल्का हुआ गम का भोजा , तेरी शरण में तेरे भजन में हमको जीवन का सार मिला है प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है 





Share:

No comments:

Post a Comment