जब दिल से पुकारूं मां तुम दौड़ी चली आना एक पल भी नही रूकना मेरा मान बढ़ा जाना
सावन के महीने में मैं झूला डालूंगी , जब झूला पड़े मैया तुम झूलने आ जाना
फागुन के महीने में मैं होली खेलूंगी , जब रंग गुलाल उड़े तुम खेलने आ जाना
नवरात्रि महीने में मैं ज्योति जलाऊंगी , जब ज्योति जले मैया तुम दौड़ी चली आना
दुनिया ने सताया मां पर तुम न सताना मां , जब जब आंसू ये बहें तुम पोछने आ जाना
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