राम भजन : न जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते हैं (राम जी का मन मोहक भजन)


न जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते हैं यही सब संत कहते हैं यही हर भक्त कहते हैं
न आये मथुरा से चलकर गोपियों की दुःख व्यथा सुनकर
द्रोपदी का रोना सुनकर के द्वारका से दौड़ आते हैं
न जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते हैं
नही स्वीकार करते हैं निमंत्रण राजा दुर्योधन का
विदुर के घर पे जाकर के भोग छिलकों का खाते हैं न जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते हैं
न रोये वन गमन पर श्री पिता की वेदनाओं पर
गीध को गोदी उठाकर के वो खुद आंसू बहाते हैं
न जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते हैं



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