तुलसी भजन : मेरी तुलसा घेर घुमेर महकें अंगना में संग में शालिग्राम (मधुर तुलसा भजन)



मेरी तुलसा घेर घुमेर महकें अंगना में संग में शालिग्राम महकें अंगना में
जो कोई तुलसा को जल रोज चढ़ावे, जल रोज चढ़ावे सिंदूर लगावे सब सुख मिलें तमाम महकें अंगना में
जो कोई तुलसा की आरती गावे , आरती गावे भोग लगावे
दौलत से भरें गोदाम महकें अंगना में
जो घर तुलसी की सेवा करता ,शाम सबेरे पूजा करता
 बन जाये वो घर बृजधाम महकें अंगना में


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