सोहर गीत : लव और कुश ने जन्म लिया बाबा की कुटिया


लव और कुश ने जन्म लिया बाबा की कुटिया में अरे साधू की कुटिया मे
अरे यहां तो सासू नही हैं, चरुआ कौन चढाये अरे बाबा की कुटिया में अरे साधू की कुटिया में
 इसी तरह पूरा गायें
जिठानी, नन्द,  देवर , सखियां


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