बालाजी भजन: मेरे बालाजी महाराज धन दौलत मैं कुछ न मागूं

बालाजी महाराज मेरे बालाजी महाराज धन दौलत मैं कुछ न मागूं जोड़ू दोनों हाथ
सुंदर सी मेरी कोठी बन जाये उसमें मोटरकार ,कार में फिर बैठ के आऊं तेरे द्वार
मेरे बाला जी महाराज
श्रवण जैसा वेटा दे दो बहू कुलवंती नारि ,पोता तो मैं ऐसा मागूं जैसे फूल गुलाब
मेरे बाला जी महाराज
लक्ष्मी जैसी वेटी दे दो भरे रहें भंडार ,धन दौलत की कोई कमी न कर दूं कन्यादान
मेरे बाला जी महाराज
मुतियों से मांग भरी रहे अमर रहे सुहाग, लाल चुनरिया ओढ़ के आऊं मैं तेरे द्वार
मेरे बाला जी महाराज


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