सोहर गीत : रंगमहल के बीच पलंग पर सोय रहीं(सुपर सोहर)


रंग महल के बीच पलंग पर जाय सोईं
ये सासू आवें चरुआ धरावें, उनका भी भारी नेग नेग पर झगड़ रहीं, ये सासू रानी क्यों झगड़ा डालो, मैंने तालो ही बंद करायो नेग पर झगड़ रहीं
ये जिठनी आवें पीपल पिसावें, उनका भी भारी नेग नेग पर झगड़ रहीं ,ये जिठनी रानी क्यों झगड़ा डालो, तुम्हरे जब होंगे नंदलाल मैं खटिया बिछाय दूंगी
ये ननदी आवें सतिया धरावें उनका भी भारी नेग नेग पर झगड़ रहीं, ये ननदी रानी क्यों झगड़ा डालो, भैया संग सो जाओ भतीजा खिलाय लो, तुम्हरे बिरन की नेग पर झगड़
ये देवर आवें बंशी बजावें, उनका भी भारी नेग नेग पर झगड़ रहे, ये देवर लाला क्यों झगड़ा डालो, थारो जब होयगो ब्याह मैं काजल लगाय दूंगी
ये सखियां आवें सोहर गावें, उनका भी भारी नेग नेग पर झगड़ रहीं ये सखियां रानी क्यों झगड़ा डालो तुम्हरे जब होयगो बुलउआ मैं ढोलक बजाय दूंगी


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