शिव भजन : अब न रहूंगी मढ़इया में मेरे भोले भंडारी( गौरा मां भोले से क्या कह रहीं सुनें)

 अब न रहूंगी मढ़इया में मेरे भोले भंडारी
तुम तो सजाये हो माथे पे चंदा, मुझको न लाये कभी टीका रे मेरे भोले भंडारी अब..
तुम तो सजाये हो जटाओं में गंगा , मुझको न लाये कभी गजरा रे मेरे भोले भंडारी
तुम तो सजाये हो कानो में बिच्छू , मुझको न लाये कभी झुमका रे मेरे भोले भंडारी
तुम तो सजाये हो नागों की माला, मुझको न लाये कभी हरवा रे मेरे भोले भंडारी
तुम तो सजाये हो हाथों में डमरू, मुझको न लाये कभी कंगना रे मेरे भोले भंडारी
तुम तो सजाये हो पैरों में घुंघरू, मुझको न लाये कभी पायल रे मेरे भोले भंडारी
तुम तो पीते हो भांग का प्याला, मुझको न लाये लड्डू पेड़ा रे मेरे भंडारी


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