मैंने ऐसा सतगुरु पाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है मैंने ऐसा सतगुरु पाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है......
मैं तो बंद कली थी बागों की, सतगुरु ने आज खिलाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है मैंने ऐसा सतगुरु पाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है....
अन्धकार में मैं तो पड़ी हुई , सतगुरु ने दीप जलाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है मैंने ऐसा सतगुरु पाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है.....
मेरी बीच भवर में नाव पड़ी , सतगुरु ने पार लगाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है मैंने ऐसा सतगुरु पाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है....
मोह माया में मैं तो फंसी हुई, सतगुरु ने फंद छुड़ाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है मैंने ऐसा सतगुरु पाया है मेरा रोम रोम हर्षाया है......
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