द्वारपालो न रोको मेरा रास्ता तुम कन्हैया से मेरे मिला दो मुझे है तुम्हें श्याम के नाम का वास्ता एक झलक सांवरे की दिखा दो मुझे......
मैं सुदामा हूं आया हूं नंदगांव से मेरी यारी पुरानी है घनश्याम से , श्याम पहचान लेगा मुझे नाम से झूठ बोलूं तो सूली चढ़ा दो मुझे , है तुम्हें श्याम के नाम का वास्ता एक झलक सांवरे की दिखा दो मुझे.....
देखकर मित्र का हाल रोने लगे पग सुदामा के आंसुओं से धोने लगे, धीर बांके बिहारी जी खोने लगे बोल क्या चाहिए बस बता दो मुझे , है तुम्हें श्याम के नाम का वास्ता अपने पैरों के छाले दिखा दो मुझे.......
यार से क्या सुदामा छुपाते हो तुम पोटली क्यों न अपनी दिखाते हो तुम, छोड़कर मुझको भूखा क्यों जाते हो तुम मेरे हिस्से के चावल खिला दो मुझे , है तुम्हें श्याम के नाम का वास्ता भोग हाथों से अपने लगा दो मुझे......
खाके चावल कन्हैया प्रसन्न हो गए यार से प्यार आया मगन हो गए , बोले सोने के तेरे भवन हो गए देर के वास्ते कर क्षमा दो मुझे , है तुम्हें श्याम के नाम का वास्ता और क्या चाहिए बस बता दो मुझे द्वारपालो ना रुको मेरा रास्ता ऐक झलक सांवरे की दिखा दो मुझे......
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