जरा जल्दी से आजा सांवरिया तेरी भक्ति की ओढ़ी चुनरिया....
जैसे मीरा ने सब कुछ भुलाया,प्रभु चरणों में ध्यान लगाया मोहन मुझ पर भी डालो नजरिया तेरी भक्ति की ओढ़ी चुनरिया जरा जल्दी से आजा सांवरिया......
तुम ने राधा से प्रीत लगाई, उसके बंधन में बंध गए कन्हाई राधा सुनती थी प्यारी बांसुरिया तेरी भक्ति की ओढ़ी चुनरिया जरा जल्दी से आजा सांवरिया.....
तुमने मधुबन में रास रचाया, संग गवालों के माखन चुराया सारी पागल थी गोकुल नगरिया तेरी भक्ति की ओढ़ी चुनरिया जरा जल्दी से आजा सांवरिया.....
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