कि हरे रामा बम भोले त्रिपुरारी चले हैं ससुरारी रे हारी....
गले में हार नाग का सोहे माथे शशि मन मोहे रामा , कि हरे रामा कुंडल बिच्छुआ न्यारी चले हैं ससुरारी रे हारी कि हरे रामा बम भोले त्रिपुरारी चले हैं ससुरारी रे हारी....
भूत प्रेत पिशाच बाराती शुक्र शनिचर साथी रामा , कि हरे रामा नारद चले अगवानी चले हैं ससुरारी रे हारी कि हरे रामा बम भोले त्रिपुरारी चले हैं ससुरारी रे हारी....
ब्रह्मा विष्णु नाचत आवें दूल्हा के गुण गावें रामा , कि हरे रामा मटकत बसाहा भारी चले हैं ससुरारी रे हारी कि हरे रामा बम भोले त्रिपुरारी चले हैं ससुरारी...
दूल्हा को मैंना देख डराईं परछन थाल ले भागी रामा , कि हरे रामा भगदड़ हिमाचल द्वारे चले हैं ससुरारी रे हारी कि हरे रामा बम भोले त्रिपुरारी.....
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