भजन व डांस ने रौनक लगा दी💯उमरिया धोखा दे गई रे हरि भजन मैंने कल पे छोड़ा सांस निकल गई रे🤩

 

 

उमरिया धोखा दे गई रे हरि भजन मैंने कल पे छोड़ा सांस निकल गई रे उमरिया धोखा दे गई रे..... 

बालपन हंस खेल गंवाया , भोलेपन में निकल गई रे उमरिया धोखा दे गई रे.... 

आई जवानी नींद नहीं छूटे , सपने में निकल गई रे उमरिया धोखा दे गई रे....

न जानी कब आयो बुढ़ापा , ‌अब सांस अटक गई रे उमरिया धोखा दे गई रे.... 

घर में बैठी बिटिया कुंवारी , कौन करे कन्यादान तैयारी ,देखो कैसी रो रही रे उमरिया धोखा दे गई रे.... 

सतगुरु हमको यही समझाते , राम नाम ही पार लगाते , कब सांस निकल गई रे उमरिया धोखा दे गई रे 




Share:

No comments:

Post a Comment