तेरा पल पल करूं इंतजार तू मेरे घर आजा मां तू मेरे घर आजा मां……
हरे हरे गोबर से आंगन लिपाया, मोतियन से मां चौक बनाया,फूलों से सजाया दरबार तू मेरे घर आजा मां तू मेरे घर आजा मां.....
सिर पे मां के मुकुट विराजे, और माथे पे टीका साजे,बिंदिया से करूं श्रंगार तू मेरे घर आजा मां तू मेरे घर आजा मां…..
कानों में मां के कुंडल साजे, गले में मां के हरवा साजे , फूल माला से करूं श्रंगार तू मेरे घर आजा मां तू मेरे घर आजा मां…..
हाथों में मां के कंगन साजे, चूड़ी मां की खनखन बाजे,मेहंदी से करूं श्रंगार तू मेरे घर आजा मां तू मेरे घर आजा मां…..
पैरों में मां के पायल बाजे, बिछुवे मां के छन छन बाजे, महावर से करूं श्रंगार, तू मेरे घर आजा मां तू मेरे घर आजा मां.....
जयपुर से लहंगा मंगवाया, प्रेम भाव से मां को पहनाया,मैं तो चुनरी उड़ाऊं लाल लाल, तू मेरे घर आजा मां तू मेरे घर आजा मां....
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