पूजा की थाली हम लिए खड़े रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे...
कहां से लाऊं गंगा कहां से लाऊं जमुना कहां से लाऊं सरयू अपार बड़ी रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे...
कहां से लाऊं चंदा कहां से लाऊं सूरज कहां से लाऊं तारे आकाश जड़े रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे...
कहां से लाऊं लड्डू कहां से लाऊं पेड़ा कहां से लाऊं बर्फी शक्कर पड़ी रे भोले तेरी सेवा हमसे न बनी रे...
No comments:
Post a Comment