उस मां से पूछ जिसने जन्म दिया और कैसे तुझको पाला है खुद भूखी रही तेरा पेट भरा तूने घर से उसे निकालना है उस्मा से पूंछ....
जरा याद करो उस बचपन को जब मां की गोद में सोता था उठ करके रात में जागती थी जब तू रातों में सोता था उस मां से पूछ जिसने जन्म दिया....
जब भी तू कभी बीमार पड़ा मां रात रात ना सोती थी तेरे लिए गई मंदिर मस्जिद हर चौखट पर वो रोई थी कोई उत्तर हो तो जवाब दे तेरे मुंह पे लगा क्या ताला है उस मां से पूछ जिसने जन्म दिया....
उस मां से बड़ा इस दुनिया में सच मान कोई भगवान नहीं अपनी मां की जिसने कदर ना की शैतान है वो इंसान नहीं उस मां के लिए दो रोटी नहीं भंडारा करता फिरता है उस मां से पूछ जिसने जन्म दिया....
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