लाल लाल चुनरी सितारों वाली जिसे ओढ़ कर आई है माँ शेरावाली....
जिसको ब्रह्मा ने बनाया जिसको विष्णु ने सजाया जिसको भोले ने रंग में रंग डाली लाल लाल चुनरी...
रंग चुनरी का शक्ति आपार देती पाप मन में बसे उसे मार देती इसने सारी अला बला भगतों की टाली जिसे ओढ़...
इसके कोने में रिद्धि सिद्धि रहती हैं शुभ और लाभ भक्तों को देती हैं भक्तो के मन को ये चुनरी भाने वाली जिसे ओढ़....
माँ के सिर पे ये चुनरी सुहानी लगती सारी दुनिया है इसकी दीवानी लगती दुःख के बादल दूर ये भगाने वाली जिसे ओढ़.....
अपनी चुनरी की छाया में बिठाले मुझको भक्त जपते रहें मैया तेरे नाम को अपने भक्तों को दे मां अमृत की प्याली जिसे ओढ़ .....
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