मंदिर में बैठे हो भगवन कभी बाहर भी आया जाया करो मैं रोज तेरे दर आती हूं कभी आप मेरे घर आया करो
बेहाल तेरे दर आते हैं तुमको दुख दर्द सुनाते हैं तुम सुनते सबके सेवक बन कभी अपना हाल सुनाया करो.....
मैं दीन हूं दीनानाथ हो तुम सुख दुख में सबके साथ हो तुम , मिलने की चाह खामोश करे कभी तुम भी मिला मिलाया करो करो....
आते क्यों हम को नजर नहीं इतना तो सताना ठीक नहीं, मैं अपना समझती हूं तुमको कभी तुम भी मुझे अपनाया करो...
मैं तेरे दर का योगी हूं प्रभु तेरे बिना भी होगी हूं , बस एक तमन्ना है तुमसे कभी दर्शन प्रभु अपना दिखाया करो...
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