चाहें इधर देखो चाहें उधर देखो नहीं मिलते हैं मन को घुमाने से हरी मिलते हैं मन को मनाने से
चाहे गंगा नहाओ चाहे जमुना नहाओ नहीं मिलते हैं डुबकी लगाने से हरी मिलते हैं मन को मनाने से
चाहे मंदिर में जाओ चाहे मस्जिद में जाओ नहीं मिलते हैं घंटा बजाने से हरी मिलते हैं मन को मनाने से
चाहे मुनियों में जाओ चाहे ऋषियों में जाओ नहीं मिलते हैं माला घुमाने से हरी मिलते हैं मन को मनाने से
No comments:
Post a Comment