तूने पानी में जोत जलाई रे तेरी जय हो ज्वाला माई रे
तूने राजा दक्ष घर जन्म लिया तूने शिव शंकर घर ब्याह किया तू तो पार्वती कहलाई रे तेरी जय हो ज्वाला माई रे
तेरे पिता ने यज्ञ कराया था और तुम्हें वहां न बुलाया था तू तो बिना बुलाए चली आई रे तेरी जय हो ज्वाला माई रे
जब सब देवों का सम्मान हुआ और शिव शंकर का अपमान हुआ तू तो हवन कुंड में समाई रे तेरी जय हो ज्वाला माई रे
जब शिव शंकर का क्रोध बड़ा और राजा दक्ष का शीश कटा तेरी कांधे देह उठाई रे तेरी जय हो ज्वाला माई रे
मैया जहां जहां तेरे अंग गिरे मैया वहां वहां तेरे मंदिर बने तू तो शक्तिपीठ के लाई रे तेरी जय हो ज्वाला माई रे
मैया जहां-जहां तेरे केस गिरे तू चंडी माई कहलाई रे तेरी जय हो ज्वाला माई रे
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