राम सिया विवाह भजन मन को आनंदित करने वाला🌹धनुष टूटे न वाली उमरिया राम आये जनक की नगरिया🌹

 

 

राम आये जनक की नगरिया धनुष टूटे न वाली उमरिया 

बैठे जनक सोच अति भारी , क्या मेरी सीता रहें कुंवारी शोक छाई जनक की नगरिया धनुष न टूटे वाली उमरिया 

राम लखन दोनों भ्राता आये , संग में विश्वामित्र को लाये खुशी छाई जनक की नगरिया धनुष टूटे न वाली उमरिया 

ले जयमाल सिया जी आईं , सखियां मन ही मन मुस्काईं नैन मिल गये सिया संग सांवरिया धनुष टूटे न वाली उमरिया 




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