लाई लाई मैं दाने अनार के मेरी मैया के नौ दिन बहार के
मुझे बागों में जाना पड़ेगा उस माली से कहना पड़ेगा फूल दे दो तेरा क्या जायेगा मेरी मैया का हार बन जायेगा
मुझे तालों में जाना पड़ेगा उस धोबिन से कहना पड़ेगा चुनरी धो दो तेरा क्या जायेगा मेरी मैया का मन रह जायेगा
मुझे कुयनों में जाना पड़ेगा उस धीमर से कहना पड़ेगा कलश भर दो तेरा क्या जायेगा मेरी मैया का मन रह जायेगा
मुझे महलों में जाना पड़ेगा उस रानी से कहना पड़ेगा खिड़की झांको तेरा क्या जायेगा मेरी मैया का मन रह जायेगा
मुझे मंदिर में जाना पड़ेगा उस पंडित से कहना पड़ेगा दर्शन करवा दो तेरा क्या जायेगा आज मेरा ही मन रह जायेगा
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