छोड़ो घर के काम चलो रे सत्संग में छोड़ो घर के काम चलो रे सुमिरन में
गेंदा का फूल खिले बगिया में मन के फूल खिलें रे सत्संग में छोड़ो घर के काम चलो रे सत्संग में
घी का दीप जले मन्दिर में मन का दीप जले रे सत्संग में छोड़ो घर के काम चलो रे सत्संग में
घर का ताला खुले चावी से मन का ताला खुले रे सत्संग में छोड़ो घर के काम चलो रे सत्संग में
कपड़ों का मैल धुले साबुन से मन का मैल धुले रे सत्संग में छोड़ो घर के काम चलो रे सत्संग में
काठ की नाव चले पानी में मन की नाव चले रे सत्संग में छोड़ो घर के काम चलो रे सत्संग में
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