छिपते छिपाते आ गई कान्हा तेरी नगरिया🥀कीर्तन में नाचने वाला चटपटा भजन संग में कृष्ण दर्शन🥀

 

 

छिपते छिपाते आय गई रे कान्हा तेरी नगरिया 

द्वारे पे बैठीं थीं सास हमारी , खिड़की से कूद के आय गई रे कान्हा तेरी नगरिया 

राहों में मिल गये जेठ हमारे , घूंघट डाल मैं तोआय गई रे कान्हा तेरी नगरिया 

पिछवाड़े मिल गयो छोटा देवरवा , उंगली दिखाय के आय गई रे कान्हा तेरी नगरिया 

कुयें पे मिल गई रे मेरी ननदिया , गागर उठा के मैं आय गई रे कान्हा तेरी नगरिया 

गलियों में मिल गई रे मेरी पड़ोसन , बातें बना के आय गई रे कान्हा तेरी नगरिया 




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