सुनो सिया एक बात राम फुलबगिया में आये हैं
कौन वरण हैं कौन भेष हैं काहे का तिलक लगाए राम फुलबगिया में आये हैं
श्याम वर्ण हैं कुंवर भेष है केसर तिलक लगाए राम फुलबगिया में आये हैं
कौन के प्यारे नैन दुलारे कौन के मन को भाये राम फुलबगिया में आये हैं
कौशिलया प्यारे नैन दुलारे सिया जी के मन को भाये राम फुलबगिया में आये हैं
गिरिजा पूजन जायें जानकी नैनों में नैन मिलाये राम मिलाए राम फुलबगिया में आये हैं
वरदान देना हे गौरी मैया यही पति मिल जायें राम फुलबगिया में आये हैं
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